मेरी हर बात
की मुझ संग चलती गई
तेरी हर याद
दोस्ती तेरी अनमोल है
मेरे लिए
सुंदर हैं पल ,वो पल
जो साथ जिए
पहले कभी मिलती
तो उन पन्नों को भी रंग लेती
वो लम्हें ,वो पल
जिनमें न था कोई पास
थी केवल एक आस
तुझ संग कुछ इस तरह जुड़ी है
मेरी हर बात
तुझसे मिलना मेरा नसीब था
बिछड़ना मेरी मंजिल
बिछड़ कर भी साथ रहे
ये साथ भी अजीब था
तेरी दोस्ती,
हर राह पर थी मेरे साथ
मेरे लडखडाते क़दमों को सँभालते
वो तेरे हाथ ,
ख़ुद को बिखरते
जब मैंने पाया
फ़िर मुझमें विश्वास जगाया
अकेली नहीं हूँ मैं
न आज ,न कभी
अनु के संग है राधा
तो अनुराधा हुई न साथ
तुझ संग कुछ इस तरह जुड़ी है
मेरी हर बात !!
HAAPY B'DAY DEAR!
this is one of the best dedication posts!
I have ever read...
ever means EVER!
:)
loved it! awesomeeeeeeeeee!
Now I salute ur metal with hindi!
ur a true poetic prose writer of hindi di!
:)_
love ur expression!
Wish to co write with u something in this language someday!!