your best friend

Thursday, September 3, 2009


"This is in context to my previous post"


लिखना चाहती थी कुछ आज
मगर लिख पायी
फ़िर तेरी यादों से
मेरी आँखें भर आयीं
क्यूँ मैंने तुम जैसे दोस्त को खोया
ये सोच आज
मेरा दिल बहुत रोया
हर दुआ में आज तेरा ही नाम आया
तुम जैसा दोस्त मिलता है नसीब से
पर देखो मुझ बदनसीब को
जिसने तुम्हें पाकर भी खोया
क्यूँ मैं एक अच्छा दोस्त भी बन पाया
तुमने हमेशा मुझे खुशियाँ दीं
और आंसुओं के सिवा कुछ पाया
आज दोस्ती का फ़र्ज़ अदा करना चाहती हूँ
तहे दिल से दुआ करना चाहती हूँ
मिलें तुम्हें खुशियाँ तमाम
तेरे सारे आँसू आज से मेरे नाम
ज़िन्दगी में कभी मुझे याद करना
लेकर मेरा नाम वक्त बर्बाद करना
हर दोस्त होगा मुझ जैसा
ये सोच कभी
दोस्ती से इनकार करना

4 comments:

  1. PULKIT said...:

    I dont know what to say...
    how exactly to put it up in words... what I felt reading this!!
    :'(
    touched my soul throughly ...


    regards!
    Pulkit
    http://19goes20.blogspot.com

  1. friendship is priceless jewel

  1. anushree said...:

    #jayanti
    thanks for reading n appreciating
    keep visiting

  1. anushree said...:

    #pulkit:
    thanx dear.